हाल ही में केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग – 8th pay Commission को मंजूरी दे दी है, जो कि 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाला है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी और पेंशन में सुधार होने की संभावना है। आइए, जानते हैं इस आयोग के तहत सैलरी संरचना, संभावित बदलाव और इसके प्रमुख लाभों के बारे में।
आठवें वेतन आयोग का उद्देश्य
वेतन आयोग के बारे में बात करें तो यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी संरचना का पुनरीक्षण किया जाता है। हर कुछ सालों में, केंद्र सरकार इस आयोग को गठित करती है ताकि कर्मचारियों की सैलरी में उपयुक्त बढ़ोतरी की जा सके और उनके कार्यों के अनुसार उचित वेतन मिले। अब आठवें वेतन आयोग के गठन से यह स्पष्ट है कि कर्मचारियों की सैलरी संरचना में बड़ा बदलाव होगा।
वेतन आयोग के लाभ
आठवां वेतन आयोग, केंद्रीय कर्मचारियों को न केवल सैलरी में बढ़ोतरी देगा, बल्कि अन्य लाभों और अलाउंस में भी सुधार करेगा। यह आयोग कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी संरचना की समीक्षा करेगा और उचित संशोधन करेगा। साथ ही, कर्मचारियों की पेंशन में भी वृद्धि की संभावना है, जिससे पेंशनरों को भी इसका फायदा मिलेगा।
- केन्द्र सरकार हर 10 साल में वेतन आयोग लाती है
- अभी सातवाँ वेतन आयोग चल रहा है इसका कार्य काल 31 दिसम्बर 2025 को खत्म होगा।
- साल 2026 में आठवाँ वेतन आयोग की सिफारिशे लागू हो जायेगी।
सैलरी लेवल Salary Level क्या है?
जैसा कि हम जानते है कि 7th Pay Commission की सिफारिशों के अनुसार केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के सैलरी के 18 लेवल होते है।
लेवल-1 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 1800 रुपये ग्रेड पे के साथ 18000 रुपये है। जिसे 8th pay commission minimum salary increase के तहत बढाकर 34,560 रुपये किया जा सकता है।
इसी तरह केन्द्र सरकार के कैबिनेट सचिव लेवल के अधिकारियों को लेवल -18 के तहत अधिकतम् 2.5 लाख रुपये की बेसिक सैलरी मिलती है जो कि 8th CPC के तहत बढ़ाकर 4.8 लाख किया जा सकता है।
सैलरी संरचना में बदलाव : 8th pay commission pay matrix
आठवें वेतन आयोग में सबसे बड़ा बदलाव सैलरी संरचना में होगा। वर्तमान समय में, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी 18 लेवल्स में बंटे हुए हैं। प्रत्येक लेवल पर अलग-अलग सैलरी संरचना होती है, और आयोग इस संरचना को पुनः निर्धारित करेगा। उदाहरण के लिए, केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे निम्न स्तर यानी लेवल 1 (जैसे सफाई कर्मचारी, ग्रुप डी कर्मचारी) की सैलरी बढ़कर ₹35,600 से ₹88,000 तक हो सकती है।
इसके अलावा, आयोग कर्मचारियों की सैलरी में एक फिटमेंट फैक्टर का उपयोग करेगा, जिसके आधार पर सैलरी में इंक्रीमेंट होगा। यदि पिछले फिटमेंट फैक्टर का आंकलन किया जाए, तो यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.96 से 2.86 के आसपास हो सकता है। इसके चलते, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी की संभावना है।
पेंशन में वृद्धि
आठवें वेतन आयोग का सबसे बड़ा फायदा पेंशनरों को होगा। पेंशनर्स की पेंशन में भी बढ़ोतरी की जाएगी, जो कि वर्तमान समय में 50% बेसिक सैलरी के आधार पर दी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 2026 में रिटायर होता है और उसकी सैलरी लेवल 18 पर थी, तो उसकी पेंशन ₹2.4 लाख के आसपास हो सकती है। यह पेंशन उनके पिछले वेतन संरचना के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
केंद्रीय कर्मचारी और राज्य सरकार का असर
केंद्रीय कर्मचारी तो सीधे तौर पर इस वेतन आयोग से प्रभावित होंगे, लेकिन राज्य सरकारें भी इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपनी सैलरी संरचना में बदलाव कर सकती हैं। राज्य सरकारें केंद्र सरकार के वेतन संशोधन के आधार पर अपनी सैलरी संरचना को अपडेट कर सकती हैं, जिससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी फायदा हो सकता है।
8th pay commission fitment factor
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor ) क्या है?
दोस्तो आईये जानते है कि Fitment Factor एक तरह का मल्टीप्लायर टूल है जिससे केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के रिवाईज वेतन को कैलकुलेट किया जाता है। जिसका मतलब ये हुआ कि पुराने वेतन से रिवाईज या बढ़ा हुआ वेतन कितना ज्यादा होगा, बेसिक सैलरी में फिटमेंट फैक्टर में गुना करके निकाला जा सकता है
- सातवें वेतन आयोग (7th cpc pay matrix) में इसे 2.57 तय किया गया था, जिसका मतलब ये हुआ कि कर्मचारियों का नया वेतन पुराने वेतन का 2.57 गुना हो गया।
- फिटमेंट फैक्टर से नये वेतन की गणना का तरीका नीचे दिया जा रहा है-
- नई सैलरी = बेसिक सैलरी x फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव
फिटमेंट फैक्टर के माध्यम से कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि की जाती है। पिछले सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जो कि बेसिक सैलरी को एक निश्चित गुणांक से बढ़ाता था। इस बार यह फैक्टर 1.91 से 2.86 तक जा सकता है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में व्यापक सुधार हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की सैलरी रुपये 18,000 थी, तो इस बार यह बढ़कर कम से कम रुपये 34,500 या ज्यादा हो सकती है।
2026 से लागू होने वाली सैलरी संरचना Pay Matrix
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसम्बर 2025 तक है और उसके बाद आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 में लागू होगा। सैलरी संरचना, पेंशन और अन्य लाभों की पूरी समीक्षा की जाएगी और नए आंकड़ों के आधार पर उन्हें पुनर्निर्धारित किया जाएगा। यह वेतन आयोग कर्मचारियों को उनके कार्य के हिसाब से सही वेतन देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को जो लाभ मिलेंगे, वे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होंगे। वेतन में वृद्धि, पेंशन में सुधार और फिटमेंट फैक्टर के माध्यम से सैलरी संरचना में सुधार, यह सभी बदलाव कर्मचारियों को बेहतर जीवनशैली और कार्यप्रेरणा प्रदान करेंगे। हालांकि, इसे लागू करने में समय लगेगा, लेकिन इससे जुड़ी संभावनाएं बहुत सकारात्मक हैं।